Soham Parekh Controversy: भारतीय टेक इंजीनियर पर एक साथ कई अमेरिकी स्टार्टअप्स में नौकरी करने का आरोप,

सिलिकॉन वैली में एक बड़ा विवाद सामने आया है, जिसमें भारतीय टेक प्रोफेशनल सोहम पारेख (Soham Parekh) पर एक ही समय में कई अमेरिकी स्टार्टअप्स के लिए काम करने और अपने वर्क कमिटमेंट्स को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया गया है। यह मामला तब सामने आया जब Mixpanel के को-फाउंडर और पूर्व CEO सुहैल दोशी (Suhail Doshi) ने ट्विटर (अब X) पर इस बारे में खुलासा किया।

🌐 क्या है मामला?

सुहैल दोशी ने पब्लिकली दावा किया कि सोहम पारेख ने एक ही समय में 3-4 स्टार्टअप्स में नौकरी की और इनमें से अधिकतर Y Combinator (YC) द्वारा फंडेड कंपनियां थीं। उन्होंने कहा कि पारेख ने फेक रेज़्यूमे, झूठे वर्क अपडेट्स और फर्जी प्रोग्रेस रिपोर्ट्स के माध्यम से अपने एम्प्लॉयर्स को धोखा दिया।

“It wasn’t just moonlighting. It was lying, faking progress, and deceiving multiple employers at once,” – सुहैल दोशी

🧑‍💻 Soham Parekh का प्रोफेशनल बैकग्राउंड

सोहम पारेख के रेज़्यूमे के अनुसार, उन्होंने University of Mumbai से बैचलर डिग्री और Georgia Institute of Technology से मास्टर्स की पढ़ाई की है। उन्होंने Dynamo AI, Union AI, Synthesia, और Alan AI जैसी नामी स्टार्टअप्स में सॉफ्टवेयर इंजीनियर और टेक्निकल रोल्स में काम किया है।

🤔 Moonlighting बनाम धोखाधड़ी

जहां कुछ लोग यह तर्क दे रहे हैं कि अगर परफॉर्मेंस अच्छा है तो एक साथ कई कंपनियों के लिए काम करना गलत कैसे हुआ, वहीं दोशी का कहना है कि यह केवल मूनलाइटिंग नहीं, बल्कि जानबूझकर झूठ बोलना, काम में प्रगति की झूठी रिपोर्ट देना और कंपनी की भरोसे को तोड़ना था।

📱 सोशल मीडिया पर #SohamGate ट्रेंड

इस पूरे घटनाक्रम के बाद ट्विटर पर #SohamGate ट्रेंड करने लगा, जिससे रिमोट वर्क कल्चर, हायरिंग एथिक्स और वर्क ट्रांसपेरेंसी को लेकर बहस छिड़ गई है।

💡 इस विवाद से क्या सबक मिलता है?

  • स्टार्टअप्स को हायरिंग प्रक्रिया में अधिक सतर्कता बरतनी चाहिए।

  • वर्क फ्रॉड के मामलों में टेक्निकल स्किल से ज्यादा ईमानदारी और ट्रांसपेरेंसी जरूरी है।

  • रिमोट वर्क कल्चर में ट्रस्ट की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है।

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