भारत बंद 2025: –
केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों और श्रम कानूनों के विरोध में देशभर में भारत बंद का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। लेफ्ट समर्थित ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर आज बुधवार को 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने मिलकर यह हड़ताल बुलाई है, जिसमें बैंकिंग, डाक सेवाएं, कोयला खनन, फैक्ट्री और परिवहन जैसे प्रमुख क्षेत्रों के कर्मचारी हिस्सा ले रहे हैं।

✊ हड़ताल के पीछे कारण क्या है?
ट्रेड यूनियनों का आरोप है कि केंद्र सरकार की “कॉरपोरेट समर्थक और मज़दूर विरोधी” नीतियां श्रमिकों के अधिकारों का हनन कर रही हैं। इनका कहना है कि सरकार द्वारा प्रस्तावित चार श्रम संहिताएं (Labour Codes) यूनियनों की ताकत को कम करती हैं और कर्मचारियों की सामूहिक सौदेबाजी की ताकत को खत्म करने का प्रयास है।
इन यूनियनों ने 17 सूत्रीय मांग पत्र पहले ही केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया को सौंपा था, जिसमें नौकरियों में रिक्त पदों को भरने, मनरेगा की मजदूरी और कार्यदिवस बढ़ाने, निजीकरण रोकने जैसी प्रमुख मांगें शामिल हैं।
📉 किन-किन सेवाओं पर पड़ा असर?
🏦 बैंकिंग और बीमा सेवाएं प्रभावित
ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉयीज एसोसिएशन (AIBEA) के तहत आने वाले कई बैंक कर्मी हड़ताल में शामिल हैं। बंगाल प्रांतीय बैंक कर्मचारी संघ ने बंद को समर्थन दिया है। बीमा क्षेत्र के कर्मचारियों के भी शामिल होने से बैंकिंग और बीमा सेवाओं में व्यापक असर देखा जा सकता है।
🏫 स्कूल-कॉलेज खुले रहेंगे
शैक्षणिक संस्थानों को लेकर कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं किया गया है। इसलिए स्कूल और कॉलेज सामान्य रूप से खुले रहेंगे। स्थानीय प्रशासन के निर्देश के अनुसार परिवर्तन हो सकता है।
⚡ बिजली आपूर्ति पर असर
बिजली क्षेत्र के 27 लाख से अधिक कर्मचारी बंद में भाग ले रहे हैं, जिससे बिजली आपूर्ति में गड़बड़ी की संभावना है। विभिन्न राज्यों में क्षेत्रीय यूनियनों की ताकत के आधार पर असर अलग-अलग हो सकता है।
🚆 रेल सेवाएं सामान्य लेकिन प्रदर्शन की आशंका
हालांकि रेलवे यूनियनें इस बंद में औपचारिक रूप से शामिल नहीं हैं, लेकिन पटरियों पर विरोध प्रदर्शन और स्टेशनों के पास जाम की आशंका है। पश्चिम बंगाल के जादवपुर रेलवे स्टेशन पर यूनियन सदस्यों ने ट्रैक पर बैठकर विरोध किया।
🚌 सड़क परिवहन प्रभावित
बस, टैक्सी और कैब सेवाएं कई शहरों में बंद या आंशिक रूप से प्रभावित हो सकती हैं। प्रदर्शन रैलियों, जाम और मार्ग अवरोधों के कारण स्थानीय यातायात प्रभावित होने की संभावना है। यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे यात्रा की योजना सावधानीपूर्वक बनाएं।
🧾 कौन-कौन सी यूनियनें बंद में शामिल हैं?
-
INTUC (भारतीय राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस)
-
AITUC (अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस)
-
CITU (भारतीय ट्रेड यूनियनों का केंद्र)
-
HMS, SEWA, AIUTUC, AICCTU, LPF, TUCC, UTUC आदि
🧠 सरकार पर आरोप
यूनियनों का आरोप है कि पिछले 10 वर्षों से भारतीय श्रम सम्मेलन नहीं बुलाया गया। सरकार निजीकरण को बढ़ावा दे रही है, जिससे रोजगार के अवसर घटे हैं, महंगाई बढ़ी है, और शिक्षा-स्वास्थ्य पर खर्च कम हुआ है।
📌 निष्कर्ष
भारत बंद 2025 देश की आर्थिक नीतियों और श्रम कानूनों के विरोध का एक मजबूत प्रतीक बन गया है। 25 करोड़ से अधिक कर्मचारियों की भागीदारी के चलते यह हड़ताल एक ऐतिहासिक विरोध के रूप में उभर रही है, जिसका असर देशव्यापी सेवाओं पर गहरा पड़ा है।