Ashadh Purnima 2025, जिसे गुरु पूर्णिमा और व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, 2025 में 10 जुलाई को मनाई जाएगी। यह दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और गुरु देव को समर्पित है। यह तिथि आध्यात्मिक साधना, ज्ञान प्राप्ति, दान और स्नान का अत्यंत शुभ मुहूर्त है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार, इसी दिन महर्षि वेदव्यास ने चारों वेदों की रचना की थी। अत: यह दिन ज्ञान, आभार और शिष्य-गुरु परंपरा को समर्पित है। उज्जैन के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य आचार्य आनंद भारद्वाज बताते हैं कि इस दिन कुछ कार्य करने से मां लक्ष्मी और गुरु देव की कृपा समाप्त हो सकती है। जानिए वो 5 गलतियां जिनसे इस पावन दिन पर बचना चाहिए।
1. बाल और नाखून काटना वर्जित है
आषाढ़ पूर्णिमा के दिन बाल और नाखून काटना अशुभ माना गया है। ऐसा करने से शरीर के मृत हिस्सों की अनदेखी होती है और माता लक्ष्मी की कृपा से व्यक्ति वंचित हो सकता है।
2. काले वस्त्र पहनने से बचें
इस दिन काले कपड़े पहनना निषेध माना गया है। काले रंग को तामसिक गुणों का प्रतीक माना जाता है, जिससे जीवन में नकारात्मक ऊर्जा और दुर्भाग्य का आगमन हो सकता है।
3. घर के बुजुर्गों और स्त्रियों का अपमान न करें
आषाढ़ पूर्णिमा के दिन किसी बुजुर्ग या महिला का अपमान करने से पितृ दोष लगता है। इससे व्यक्ति को जीवन में मानसिक, पारिवारिक और आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
4. देर तक सोना और घर की सफाई न करना
इस पवित्र दिन देर तक सोना और घर को गंदा रखना बेहद अशुभ माना गया है। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और धन की देवी लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं।
5. झगड़ा या कलह करने से बचें
इस दिन घर में कलह, विवाद या शोर-शराबा करने से गुरु की कृपा समाप्त हो सकती है और सुख-शांति भंग होती है। यह आर्थिक अस्थिरता का कारण भी बन सकता है।
🛐 क्या करें इस दिन:
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सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठकर पवित्र नदी में स्नान करें।
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भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और गुरु देव की पूजा करें।
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अपने गुरु या शिक्षक का सम्मान करें और उनका आशीर्वाद लें।
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गरीबों, ब्राह्मणों को भोजन और दान दें।
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मंत्र जाप, हवन और व्रत रखें।
📅 Ashadh Purnima 2025 तिथि और समय
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पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 10 जुलाई रात 02:43 बजे
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पूर्णिमा तिथि समाप्त: 11 जुलाई रात 01:53 बजे
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गुरु पूर्णिमा व्रत: 10 जुलाई (उदया तिथि अनुसार)
✅ निष्कर्ष
Ashadh Purnima केवल एक धार्मिक तिथि नहीं, बल्कि जीवन में सकारात्मकता, समृद्धि और आध्यात्मिक ऊर्जा को आकर्षित करने का अवसर है। इस दिन छोटी-छोटी गलतियां भी आपके भाग्य और लक्ष्मी की कृपा को दूर कर सकती हैं। आचार्य की सलाह माने और इस पवित्र तिथि का पूर्ण लाभ उठाएं।
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