Strait of Hormuz: ईरान की चेतावनी से वैश्विक तेल आपूर्ति पर मंडराया खतरा
Strait of Hormuz: Iran और America के बीच बढ़ते तनाव ने वैश्विक ऊर्जा बाजार को एक बार फिर से हिला कर रख दिया है। हाल ही में अमेरिका द्वारा ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हवाई हमले किए गए जिसके जवाब में ईरान ने दुनिया के सबसे संवेदनशील तेल शिपिंग मार्गो में से एक Strait of Hormuz को बंद करने की चेतावनी दी है। ईरानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस पर गंभीर विचार किया जा रहा है।

कौन कौन देश है प्रभावित?
सऊदी अरब इराक कुवैत कतर ईरान और यूएई जैसे प्रमुख तेल उत्पादक देशो का अधिकांश तेल निर्यात Strait of Hormuz से होकर ही होता है पहले जहां इस क्षेत्रीय अस्थिरता से अमेरिका और यूरोप को अधिक खतरा होता था वही आज के समय में जापान और भारत जैसे एशियाई देश इस आपूर्ति बाधा के सबसे बड़े शिकार बन सकते हैं।
भारत पर क्या हो प्रभाव?
भारत प्रतिदिन लगभग 5.5 मिलियन बैरल कच्चा तेल आयात करता है जिसमें से लगभग 2 मिलियन बैरल हार्मुज जलडमरूमध्य से होकर आता है। यह भारत की कल जरूर का एक बड़ा हिस्सा है। हालांकि भारत ने पिछले कुछ वर्षों में तेल आयात के स्रोतों में विविधता लाई है जैसे रूस, अमेरिका और ब्राजील जिससे आपातकालीन स्थिति में विकल्प उपलब्ध रहेंगे।
भारत के लिए प्राकृतिक गैस की आपूर्ति पर भी यह संकट सीमित प्रभाव डालेगा क्योंकि कतर से आने वाली LNG की आपूर्ति आमतौर पर वैकल्पिक मार्ग से होती है। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और रूस जैसे देशों से भारत को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति हो रही है। जो Strait of Hormuz से प्रभावित नहीं होती।
कीमतों पर क्या होगा असर?
ऊर्जा विश्लेषकों के अनुसार तनाव के इस दौर में वैश्विक बाज़ार में कच्चे तेल कीमत $80 प्रति बैरल तक पहुंच सकती है इससे भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि संभव है जिससे आम आदमी की जेब सीधा असर पड़ेगा।
निष्कर्ष:
Strait of Hormuz पर संकट केवल एक क्षेत्रीय विवाद नहीं बल्कि पुरी दुनिया के लिए ऊर्जा आपूर्ति से जुड़ा एक बड़ा खतरा है। भारत जैसे देशों ने भले ही विकल्प खोज ली हो लेकिन कीमतों में अस्थिरता और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति तनाव के कारण व्यापक प्रभाव से इनकार नहीं किया जा सकता।
Note – यह किसी भी तरह की आधिकारिक जानकारी नहीं है आधिकारिक जानकारी के लिए आप गवर्नमेंट की वेबसाइट या सरकार के ऐलान का इंतजार करें।